हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, गिलान में वली-ए-फकीह के प्रतिनिधि हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन रसूल फलाहती ने रविवार दोपहर को गिलान विश्वविद्यालय में आयोजित तीसरे शहीद आवीनी महोत्सव" की समापन सभा को संबोधित करते हुए कहा, क़ुरआन, ख़ुदा का चमत्कार और उसकी कला है, और वही व्यक्ति इस सच्चाई पर ईमान रखता है जो इस आसमानी किताब से अपनापन और लगाव रखता है।
उन्होंने कहा,नहजुल बलाग़ा की लोकप्रियता का कारण यह है कि यह अमीरुल मोमिनीन (हज़रत अली अ.स.) की कलात्मक और साहित्यिक उत्कृष्ट रचना है। हालांकि हज़रत अली अ.स. के ख़ुत्बों और वचनों की संख्या 70 से अधिक खंडों में है, लेकिन सैय्यद रज़ी र.अ. ने उनमें से जीवनदायिनी वाक्यों का चयन करके इस संग्रह को तैयार किया।
गिलान के प्रतिनिधि वली-ए-फकीह ने कहा, अरिफ़ और समझदार लोगों के लिए इस कायनात की व्यवस्था की ख़ूबसूरती किसी से छुपी नहीं है, चाहे यह बात उन लोगों के लिए समझ में न आए जो इस रास्ते में कभी आगे नहीं बढ़ते।
हुज्जतुल इस्लाम फलाहती ने आगे कहा,हज़रत इमाम रज़ा अ.स. के कथन के अनुसार, इंसान का दोस्त उसकी अक़्ल (बुद्धि) और दुश्मन उसकी नादानी (मूर्खता) है, इसलिए यही समझदारी इंसान को पूर्णता की ऊंचाइयों तक ले जाती है।
उन्होंने कहा, इंसान, ख़ुदा की रचना का शाहकार (उत्कृष्ट नमूना) है, और जब तक वह ईश्वर की ओर ध्यान नहीं देता, वह कभी भी अपने जीवन के उद्देश्य को नहीं पा सकता।
गिलान में प्रतिनिधि वली-ए-फकीह ने आगे कहा, यह सृष्टि ख़ुदा की कारीगरी है, और इस अस्तित्व की व्यवस्था तथा इंसान की असल ख़ूबसूरती तभी प्रकट होती है जब उसमें परमेश्वर की झलक मौजूद हो।
अंत में हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लिमीन फलाहती ने कहा, वही संस्कृति और कला गर्व के लायक है जो क़ुरआन करीम से जुड़ी हो। इस फ़ेस्टिवल में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों की सफलता और सौभाग्य के लिए दुआ करता हूँ।
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